Hindi Notes

Murder in Hostel Part-2


मर्डर इन होस्टल.. भाग- 2

21/11/2018.    12:10 pm.



Hello friends Mgs Gyan Books me aap sabhi ka  Swagat hai ....

Maine aap logon ke liye iss khani ke part-1.ke baad ab part-2 le ker aaya hoon...

Is kahani me aapko bahut sari  baton ka Gyan hone Wali Hai Aap se nivedan hai ki ise pura Jarur padhe aur achha Lage to social media par share Jarur kare 

Is kahani ke andar aap yeh janenge.…………




                                   

अंकित भोपाल पहुच चुका था,वो अपनी जेब से ज्योती के घर का पता निकालता हे ओर फ़िर ज्योती के घर कि तरफ़ जाने लगता हे
अब अंकित ज्योती के घर के थिक सामने कुछ दुरी पर खडा था,ओर उसके थिक सामने ज्योती खडी थी अपने घर की बालकनी मे... 


अंकित ने जेसे हि ज्योती को देखा ,एक पल के लिए तो वो भुल हि गया के वो किस काम से आया हे.. ओर सिर्फ़ ज्योती को हि देखता रहा..
क्योंकि ज्योती को देख एसा लग रहा था मानो उसका रोज दुध से अभिशेक होता हो.....;  ज्योती स्वर्ग से आयी अपसरा जेसी लग रही थी;

अंकित ने सोचा इतनी मासुम ओर खुबसुरत लड्की किसि का खुन केसे कर सकती हे..
तभी अंकित अपनी जेब से एक कागज निकालता हे ओर उस पर कुछ लिख कर ज्योति की बालकनी मे फ़ेक देता हे..
ज्योती को कुछ समझ नही आता,क्योकि वो अंकित को पहली बार देख रही थी
ज्योती ने जेसे हि उस कागज पर लिखा हुआ पडा,उसके पेरो तले जमीन खिसक गयी. 

ज्योती के चेहरे का रंग फ़िका पड्ने लग गया;
ज्योती ने तुरन्त उस कागज के पिछे कुछ लिखा ओर अंकित कि तरफ़ फ़ेक दिया.. 
उस कागज मे ज्योती ने एक पता लिखा हुआ था ओर समय लिखा हुआ था,

इसका मतलब साफ़ था के ज्योति अंकित से मिलना चाहती थी;
11:30 am
Rajput cafe.. Bhopal

अंकित तो पहले से हि ज्योती के आने का इन्तेज़ार कर रहा था,कुछ हि देर मे ज्योती भी वहा आ गयी ;
ज्योती को देख कर अंकित का दिल एक पल के लिए पिघल गया के तभी उसे राघव का ध्यान आया ओर उस ने अपने आप पर काबु पाया... 

अंकित मन हि मन ज्योती को देख कर ये सोच रहा था के इतनी खुबसुरत लड्की कत्ल कर हि  नही सकती 
तभी ज्योति ने कहा, के राहुल का अपहरण किसने किया हे.. 

दरसल अंकित ने कागज मे लिखा था के राहुल का अपहरण हो गया हे ओर पुलिस तुम्हारे घर आने वाली हे
मे तुम्हारी मदद कर सकता हु पर उस के लिए तुम्हे मुझसे मिलना होगा
अगर मिलना चाहती हो तो कागज पर पता लिख कर वापस फ़ेक दो... 


अंकित ने बोला,
पता नही
तब ज्योती ने कहा, पता नही का क्या मतलब हे
कोन हो तुम्
मे पुलिस से हु,इतना कहते हुए अंकित ने अपनी जेब से अपने भाइ राघव का id  कार्ड निकाला ओर ज्योती को दिखा दियाम
ज्योती-तो तुमने मुझसे झूठ बोला था..
अंकित -हा.
ज्योती-पर क्यो.. ?

अंकित -क्योकी मुझे तुम्हारे ओर राहुल के बारे मे सब कुछ जानना हे,ताकी हम राहुल को बचा सके
ज्योती- हा,पुछो क्या पुछ्ना हे..
अंकित - ये बताओ,तुम राहुल को कब से जानती हो..? 
ज्योती-मे राहुल को 6  महीने पहले से जानती हु;
अंकित - अच्चा.., तुमने राहुल को आखरी बार कब देखा था..? 
ज्योती-मेने एक महिने पहले उसे भोपाल मे हि देखा था..
अंकित -तुम्हारा राहुल के साथ रिश्ता केसा था.. ?
ज्योती-  शुरु शुरु सब थीक था लेकिन बाद मे मुझे उससे नफ़रत होने लग गयी थी ओर अभी भी नफ़रत करती हु मे उससे
अंकित ने कहा-.
ओह्! अच्छा
तो इस नफ़रत का कारण क्या हे,मुझे शुरु से ले कर अभी तक कि सारी बाते बताओ..
तब फ़िर ज्योती ने बोला
शुरु के दो महीने तो सब थिक था लेकिन उसके बाद मेरी एक सहेली ने मुझे बताया के राहुल बहुत बिगडा हुआ लडका हे ओर इसी वजह से मेने उस से रिश्ता तोड लिया;
अंकित ने बोला
इतनी सि बात के लिए इतनी बडी नफ़रत दिल मे पेदा नही हो सकती,तुम जरुर कुछ छुपा रही हो मुझसे.. 
ज्योती ने कहा.. नही मेने सब सच बताया हे.. 

तुम सच बताती हो या ले चलु तुम्हे पुलिस थाने.. ;अंकित ने जोरदार आवाज मे ज्तोती को डराते हुए बोला
ज्योती-नही नही.. मे बताती हु आगे क्या हुआ था. 
मेने मन बना लिया था के कुछ भी हो जाये मे राहुल से बात नही करुन्गी..
ओर वेसा ही हुआ


मेने 3 महीने तक राहुल से बात नही की ओर उसने भी मुझे मेसेज करना छोड दिया;
तब अंकित ने कहा.. तो तुमने इन तिन महीनो मे अपना गम भुलाने के लिए क्या करा.. 

ज्योती- मेरी सहेली ने मेरा अकेला पन दुर करने के लिए मेरी दोस्ती एक लड्के से करवा दी जिसका नाम था हर्षित..
वो दिखने मे बहुत सुन्दर था.. 
ओर करिब एक महीने के अंदर हर्षित को मुझसे प्यार हो गया था ओर उसने मुझे अपने दिल कि बात कही...
मे भी राहुल को भुल चुकी थी इसिलिए मेने हर्षित को हा कर दि.. 
अंकित बोला-फ़िर क्या हुआ आगे.. ?
तब ज्योती ने जवाब दिया..
एक महिने बाद मेने हर्षित को धोखा दे दिया.. 
अंकित -क्या........? 

मगर क्यो,तुम तो राहुल को भी भुल चुकी थी फ़िर धोखा क्यो दिया..? 
ज्योती ने रोते हुए जवाब दिया.. वही मेरी सबसे बडी गलती थी
हुआ यु था के राहुल ने एक बार मुझसे माफ़ी मांगी थी ओर कहा था के अब कभी एसा नही होगा
ओर मेरी सहेली ने भी कहा के राहुल अब सुधर गया हे.. 
ओर राहुल का नाम लेते हि मुझे पुराने सारे पल याद आ गये ओर इसिलिए मेने राहुल को हा कर दिया ओर हर्षित के साथ एक खेल खेला.. 
अंकित -केसा खेल..
ज्योती- मेने ओर राहुल ने मिल कर मेरी सगाइ का नाटक करा ताकी हर्षित सही समझ कर मुझे मजबुरी मे छोड दे..
ना की नफ़रत कर के.. 

अंकित -सब समझ गया मे,
वेसे मेने तुमसे झूठ बोला था
राहुल का अपहरण नही खुन हुआ हे.. 
ज्योती ने चोकते हुए कहा.. क्या?
कब ,केस,, कहा ओर किसने किया खुन?
अंकित ने कहा.. मुझे तुमसे जो चिजे जाननी थी उस के लिए मुझे तुमसे झूठ बोलना पडा.. 
कल रात को खुन हुआ हे राहुल का.. 
तुमको किसि पर शक हे.. 

कोन मार सकता हे राहुल को..? 
ज्योती ने कहा.. गोरव पर
अब ये गोरव कोन हे..? अंकित ने पुछा;
गोरव हर्षित का खास दोस्त हे.. 
अंकित ने फ़िर पुछा.. तुम्हे क्यो लगता हे एसा के खुन गोरव कर सकता हे..
क्योकी जब मेने हर्षित को धोखा दिया था तब गोरव ने मुझे गुस्से से बोला था के" जिस राहुल के लिए तुने मेरे दोस्त के साथ एसा किया हे उस को तो मे जान से मार दूँगा "
अंकित ने कहा.. 

अभी कहा मिलेगा गोरव..? 
ज्योती ने कहा.. वो अस्प्ताल मे हे.. 
अंकित -क्यों?? 
ज्योती,ने कहा. ..दो दिन पहले उसकी कार खाइ मे गिर गयी थी,जिसकी वजह से उस कि जान तो बच गयी लेकिन वो कोमा मे चला गया हे.. 
ओर हर्षित कहा हे..? अंकित ने पुछा
हर्षित का मुझे नही पता ज्योती ने जवाब दिया.. 
थीक  हे,,तुम जा सकती हो अब..
12:10 pm ......

ज्योती वहा से चली जाती हे ओर ज्योती के जाते हि अंकित टेबल से अपना फोन उठाता हे ओर राघव को बोलता हे के भाइ आगे क्या करना हे
( दरसल फोन चालु था ओर राघव ,अंकित ओर ज्योती दोनो की बात सुन रहा था)
राघव बोलता हे.. के छोटे समझ ले के केस सोल्व हो हि चुका हे..
अंकित बोलता हे.. वो केसे?
बस तु कल तक का ओर समय दे दे मुझे..
मे आज भोपाल हि आ रहा हु.. राघव ने बोला
पर क्यो.. अन्कित ने सवाल किया

वो मे आके हि बताता हु तुझे
थीक हे 
करिब शाम को 4 बजे राघव भोपाल पहुच कर सबसे पहले अंकित को अपना प्लान बताता हे.. 
5 बजे राघव एक सेल्स मेन बन कर ज्योती के घर जाता हे,
ओर जेसे हि राघव घर के अन्दर घुसता हे वो सामने का द्र्श्य देख कर चोक जाता हे,क्योकि सामने दिवार पर दो तस्वीर थी.. एक तस्वीर मे ज्योती ओर उसकी मा थी ओर दुसरी तस्वीर मे ज्योती के पापा थे शायद
पर उसके पापा ओर कोइ नही बल्की अमित शर्मा थे..
जो राहुल के कॉलेज होस्टल के वार्डन थे.. 
राघव कुछ कुछ समझ चुका था.. 


तभी उसने ज्योती कि मा से एक गिलास पानी मांगा
जेसे हि ज्योती कि मा पानि लाने गयी तभी राघव ने ज्योती को बता दिया के वो पुलिस वाला हे ओर राहुल कि हत्या के मामले मे यहा आया हे..
ओर राघव ने ये भी कहा के तुम्हारी मा को मत बताना नही तो मे तुम्हारे ओर राहुल के रिश्ते के बारे मे उनको बता दूँगा ;
राघव कि इतनी सि बात सुन कर ही ज्योती बहुत बुरी डर गयी ओर उसने कहा के क्या पुछना चाहते हो जल्दी पुछो

राघव ने बोला के पिछे तस्वीर मे जो दिख रहे हे वो तुमहारे पापा हे हेना??
हा,ज्योति ने जवाब दिया
अभी कहा हे ये?
ये हमारे साथ नही रहते.. ज्योति ने कहा
पर क्यो..
राघव का पुछना हि हुआ था के तभी ज्योति कि मा ने कहा
के तुम होते कोन हो ये सवाल पुछने वाले.. 
चले जाओ यहा से..
हमे उनके बारे मे कोइ बात नही करनी हे
इतना कहते हि ज्योती कि मा ने राघव को गुस्से से घर के बाहर निकाल दिया ओर दरवाजा लगा दिया.. 

राघव कुछ समझ पाता उससे पहले हि ये सब हो गया.. ;
राघव सोच रहा था के कत्ल ज्योती कि मा कर सकती हे क्योकि हो सकता हे के वो मेरी ओर ज्योती कि बाते सुन रही हो छुप छुप कर.. 
या फ़िर ज्योती भी जो राहुल से इतनी नफ़रत करती हे ओर मुझे इन दोनो के बिच कि नफ़रत का कारण भी नही मालुम हे.. 
हे भगवान..!  राघव ने अपना माथे पर हाथ रखते हुए बोला.. 
तभी राघव के दिमाग कि बत्ती जली ओर उसके दिमाग ने एक रास्ता निकाल लिया
5:45pm

राघव अंकित के साथ राहुल के शहर  गया ओर वहा जा के उसे बहुत कुछ  पता लग गया
उसी रात को उसने ज्योति को भी चुपके से मिलने बुला लिया अकेले मे ओर उससे उसके पापा ओर मा के साथ मे ना होने का कारण पुछा
ज्योती ने बता दिया के उसके पापा ओर मम्मी के बिच कि नफ़रत का क्या कारण था.. 
ज्योती कि बात सुन कर राघव के चेहरे पर एक अलग हि मुस्कान छा रही थी;
एसा लग रहा था  जेसे केस सोल्व हो हि गया हो.. 
अगले दिन राघव पुलिस थाने  जाता हे,ओर पुलिस के साथ  होस्टल से 10 km  दुर एक खन्डर मे जाता हे 

पुलिस वहा पहुच कर अमित शर्मा को रंगे हाथो पकड लेती हे क्योंकि वो वहा पर एक लडके का कत्ल करने जा रहा था;
पुलिस के पास सर्च वारन्ट तो पहले से हि था ओर रंगे हाथो ओर पकडा गया था वो..
बच के जाने का तो सवाल हि नही था.. 
ओर फ़िर वहा से पुलिस अमित शर्मा को ले कर चली जाती हे.. 
तब अंकित राघव से पुछ्ता हे के आप को केसे पता चला के खुन अमित सर ने करा हे ओर केसे करा हे.. 
थोडा सब्र कर ले
मे घर चलते हि तुझे सब कुछ बताता हु.. ;राघव ने एक मुस्कान के साथ कहा.. 
थोडी हि देर मे वो घर पहुच गये.. 
तब राघव ने बताना चालु किया.. 
हुआ यु था के जब तेरी ओर ज्योती की मे बात सुन रहा था तब मे लेपटोप पर बेठे बेठे सोशल मिडिया पर ज्योती ओर अमित सर का बायो डेटा चेक कर रहा था.. पर मुझे कुछ भी खास नही मिला वहा पर.. 
तभी ज्योती ने हर्षित ओर गोरव के बारे मे बताया
मुझे शक हुआ ओर फ़िर मेने अपने एक दोस्त से ज्योती की काल रेकॉर्ड निकलवाये.. तो उस मे ना तो हर्षित नाम के लडके का नम्बर था ओर ना ही गोरव का.. 
फ़िर क्या हुआ.... अंकित ने उत्साहित हो कर पुछा
राघव.. -  फ़िर मुझे यकिन हो गया क ज्योती तुझ्से झूठ बोल रही हे. फ़िर मुझे लगा के ज्योती के घर जाने पर हि पता लगेगा माजरा क्या हे इसीलिए मे भोपाल आया
ओर जेसे हि मे ज्योती के घर मे घुसा मेने देखा के अमित शर्मा ओर कोइ नही बल्कि ज्योती के पापा हे..
तब मेरे शक को ओर मजबुती मिली.. 
फ़िर मेने ज्योती को रात मे बुला कर उनके अलग रहने का कारण पुछा तो ज्योती ने बताया के उस के पापा को एक बिमारी थी जिसकी वजह से वो कभी कभी अपने उपर काबु नही पाते थे ओर एक बार तो उन्होने मा पर भी जान लेवा हमला किया था... 

इसि के रहते हमने अलग होने का फ़ेसला किया.. 
ज्योती की बात सुन मुझे विश्वास हो गया था के खुन अमित शर्मा ने हि किया हे लेकिन मेरे पास खुन कि वजह नही थी इसिलिए मे राहुल के घर गया था ओर वहा से मुझे जो जो खबर मिली वही मेरे लिए सबुत था.. 
एसी क्या बात पता लगी आपको वहा पर.?. अंकित ने पुछा.. 
राघव.. ने बोला
मुझे वहा पर पिछले साल से चली आ रही लडाइ के बारे मे पता लगा..
जो अमित शर्मा ओर राहुल के पापा के बिच हुइ थी
एक जमीन विवाद को ले कर
तो इस मे राहुल का खुन हि क्यो हुआ.. अंकित ने फ़िर पुछा
राघव ने बोला.
क्योकी अमित शर्मा ने राहुल के बडे भाइ को मारा था,ओर फ़िर बदला लेने के लिए राहुल के चाचा ने अमित के भाई को मार दिया.. 

फ़िर अमित शर्मा ने राहुल के दादा जी कि हत्या की ओर उधर राहुल ने अमित शर्मा के बेटे कि.. 
ये पुरी तरह से एक गेन्ग वार थी सिर्फ़ ओर सिर्फ़ एक  जमीन विवाद के लिए.. 
तब अंकित ने बोला
तो इतने खुन हुए तो पुलिस क्या कर रही थी.. 
राघव ने कहा.. 
पुलिस ने रिश्वावत खायी थी..
मेने मेरे एक दोस्त जो की पुलिस मे था उससे अमित शर्मा का रेकॉर्ड चेक करवाया तो पता लगा उस पर बहुत से खुन का ओर आधे खुन के इलजाम मे लेकिन पेसे होने कि वजह से वो हर बार बच गया.. 

ओर वो हथीयार कहा हे जिससे राहुल का खुन हुआ था.अन्कित ने पुछा. 
वो हथियार भी पुलिस के पास हे.. 
पुलिस को वो हथियार होस्टल से कुछ दुरी पर किचड
मे मिला
ओर उसका टेस्ट हो चुका हे ओर उस ओर अमित कि उन्ग्लियो के निशान हे..
ओर इस सब मामले मे ज्योति का क्या हाथ हे.. अंकित ने पुछा

राघव ने बोला के इस पुरे खेल मे सबसे अहम भुमिका ज्योती कि हि थी
अन्कित ने कहा
वो केसे
राघव--..दरसल मुझे मेरे खबरी ने बताया था के हर्षित ओर गोरव नाम के कोइ लडके नही हे जिनका रिश्ता ज्योती से हो
ज्योती ने मनगडन्त कहानी बनायी थी.
ओर उसकी नफ़रत का कारण ये था के ज्योति को पता च्ल गया था के राहुल कोन हे ओर किसका लडका हे..
ओर ज्योती कि नफ़रत बड गयी क्योकी राहुल ने ज्योती के चाचा कि हत्या कि थी जो ज्योती के सबसे करिब थे.. 
अन्कित बोलता हे..
ओर खुन केसे हुआ ये भी बता हि दिजिये.. 

राघव ने कहा.
अमित ने सोचा समझा प्लान बनाया था

उसको पता था के आकाश रुम पर नही हे.ओर उसने इसि बात का फ़ायदा उठाया.. 
फ़िर वो रात को राहुल के कमरे मे गया. राहुल देख कर चोक गया क्योकि जब आकाश का दाखिला हुआ था तब वार्डन कोइ ओर था.. 
अमित ने जाते ही राहुल पर हमला कर दिया ओर फ़िर  दरवाजे को बहर से लगा दिया
ओर फ़िर चाकु को दुर जा कर किचड मे फ़ेक दिया..

वा भाइ क्या बात हे..  आन्कित बे बोला
आप ने मुझे बेकसुर साबित कर के मेरी लाज रख लि
तब राघव ने बोला के छोटे अगली बार से तुने किसी भी जुनियर को परेशान करा तो फ़िर देख लेना.. 
थिक हे भाइ.. 

THE END.. 

उमीद करता हु आपको कहानी का ये भाग पसंद आया होगा
अगर आपके मन मे कोइ प्र्श्न हो तो मुझे जरुर बताये.. 
Thank You..


Is khani ke part-1 ko padhne ke liye niche diye gaye link per click karen..

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